NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

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[Saba=all; sukha=contentment, pleasures; Lahai=keep; tumhari=as part of your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be scared]

On the other hand, when Hanuman was traveling previously mentioned the seas to drop by Lanka, a fall of his sweat fell in the mouth of a crocodile, which at some point become a baby. The monkey child was sent with the crocodile, who was shortly retrieved by Ahiravana, and elevated by him, named Makardhwaja, and designed the guard with the gates of Patala, the previous's kingdom.

है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥ साधु सन्त के तुम रखवारे ।

भावार्थ – हे महाप्रभु हनुमान जी! संसार के जितने भी कठिन कार्य हैं वे सब आपकी कृपामात्र से सरल हो जाते हैं।

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

व्याख्या — श्री हनुमन्तलाल जी समग्र विद्याओं में निष्णात हैं और समस्त गुणों को धारण करने से ‘सकल–गुण–निधान’ हैं। वे श्री राम के कार्य सम्पादन हेतु अत्यन्त आतुरता (तत्परता, व्याकुलता) का भाव रखने वाले हैं। क्योंकि ‘राम काज लगि तव अवतारा’ यही उद्घोषित करता है कि श्री हनुमान जी के जन्म का मूल हेतु मात्र भगवान् श्री राम के हित कार्यों का सम्पादन ही है।

श्रीरघुबीर हरषि उर लाये click here ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।

The authorship from the Hanuman Chalisa is attributed to Tulsidas, a poet-saint who lived during the 16th century CE.[ten] He mentions his name in the last verse with the hymn. It is said from the 39th verse from the Hanuman Chalisa that whoever chants it with whole devotion to Hanuman, can have Hanuman's grace.

NāsaiNāsaiEnd / damage / cured rogaRogaDisease haraiHaraiEnd / close / eliminated sabaSabaAll pīrāPīrāPains / diseases / afflictions / struggling

व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

The purpose of the book is to offer a renewed comprehension of this wonderful, soul-enhancing hymn in the form of simple, concise, and simple-to-examine meditations. Every single meditation has long been crafted to give you the essence of Tulsidas's message in Each and every verse of this sacred tune.

By your grace, a person will go to the immortal abode of Lord Rama right after Dying and remain devoted to Him. 

AuraAuraMany / more manorathaManorathaDesires / Wishes jo koiJo koiWhoever / those lāvaiLāvaiBrings

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